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दुनिया से कुफ्रे - आम मिटाया हुज़ूर ने / सादिक़ रिज़वी
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13:27, 29 दिसम्बर 2011
क़िस्मत में गर लिखा है तो हम देंगे हाज़री
'सादिक़'
अगर
अगर मदीना बुलाया हुज़ूर ने
</poem>
SATISH SHUKLA
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