अंजनी के लाल हो सपूत सत्य ध्यान को || मोहि ...
जय-जय हनुमंत पंथ सारे ही सुपंथ |
आप सिवा कौन और जान पहचान को || मोहि... केसरी के नंदन को वंदन हमेस करूं |चन्दन सुगंध गंध गुण ज्ञान खान को || मोहि...मेरी बेर देर क्यों है विनती सुनो तो मेरी |भक्ति दान देवो मोहे थाम के उडान को || मोहि...काम क्रोध लोभ मोह मद हूँ का नाश करो |एक फूंक मार दूर करिहो तूफ़ान को || मोहि...विनय शिवदीन दीन, हाथ जोर-जोर करे |करि हो प्रकाश उर जैसे चाँद भान को || मोहि...जानू नहीं हूँ अज्ञान, मैं तो हूँ गरीब नाथ |आप जानो बलवंत लाभ और हान को || मोहि....
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