Changes

'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ

803 bytes added, 01:58, 9 जुलाई 2013
}}
{{KKShayar}}
* [[ चली अब गुल के हाथों से लुटा कर कारवाँ अपना / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ]]* [[हम ने की है तौबा और धूमें मचाती है बहार / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ]]* [[न तू मिलने के अब क़ाबिल रहा है / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ]]* [[तजल्ली गर तेरी पस्त ओ बुलंद उन को दिखलाती / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ]]* [[उस गुल को भेजना है मुझे ख़त सबा के हाथ / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ]]
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,244
edits