भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ
Kavita Kosh से
'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ
जन्म | 1699 |
---|---|
निधन | 1781 |
जन्म स्थान | आगरा, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ / परिचय |
ग़ज़लें
- चली अब गुल के हाथों से लुटा कर कारवाँ अपना / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ
- हम ने की है तौबा और धूमें मचाती है बहार / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ
- न तू मिलने के अब क़ाबिल रहा है / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ
- तजल्ली गर तेरी पस्त ओ बुलंद उन को दिखलाती / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ
- उस गुल को भेजना है मुझे ख़त सबा के हाथ / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ