'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ

| जन्म | 1699 |
|---|---|
| निधन | 1781 |
| जन्म स्थान | आगरा, भारत |
| कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
| विविध | |
| जीवन परिचय | |
| 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ / परिचय | |
ग़ज़लें
- चली अब गुल के हाथों से लुटा कर कारवाँ अपना / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ
- हम ने की है तौबा और धूमें मचाती है बहार / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ
- न तू मिलने के अब क़ाबिल रहा है / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ
- तजल्ली गर तेरी पस्त ओ बुलंद उन को दिखलाती / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ
- उस गुल को भेजना है मुझे ख़त सबा के हाथ / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ