|संग्रह=लीलटांस / कन्हैया लाल सेठिया
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[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]{{KKCatRajasthaniRachna}}
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<Poem>
पड़ी हाथी पर
कीड़ी री नजर
देख'र हालतों चालतो डूंगर
बडगी बिल में डर'र
पड़ी कीड़ी पर
हाथी री निजर
देख'र जुल्घती परखत परतख मोत
करली सूंड ऊपर !
</Poem>