गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
खेचळ / सुनील गज्जाणी
28 bytes added
,
10:03, 17 अक्टूबर 2013
|संग्रह=
}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
{{KKCatKavita}}<
poem
Poem
>लुगाई, सूखै कूंवै मांय बार-बार
बाल्टी घाल‘र पाणी काढण रौ खेचळ करती ही।
Sharda suman
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader,
प्रबंधक
35,131
edits