Changes

मंगळगीत / शिवदान सिंह जोलावास

761 bytes added, 04:36, 18 अक्टूबर 2013
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिवदान सिंह जोलावास |संग्रह= }} [[Categor...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=शिवदान सिंह जोलावास
|संग्रह=
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita‎}}
<poem>दौड़’र कठै मिलसी खुसी
झूठा भरम नैं पाळ रैया हो
कदैई नचींता बैठ’र
निरखो ऊगतो सूरज
खिल्योड़ा फूल
ओस री बूंदां
अर टाबरां री हंसी नैं
सुणो कोयल री टहूक
बिरखा रो सरणाटो
अर बादळी री गाज नैं
थांनैं साच ठाह पड़ जासी।</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
5,484
edits