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01:17, 22 अक्टूबर 2013 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=महेन्द्र मिश्र
|अनुवादक=
|संग्रह=प्रेम व श्रृंगार रस की रचनाएँ / महेन्द्र मिश्र
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<poem>तोतई बादामी लाल सबुजी सुरंग रंग,
सुन्दर गुलाबी सारी जड़कसी किनारी है।
नुपुर पाँवजेब छारा करधनी कमाल करे,
तिलरी गजमुक्ता हार गले में सुधारी है।
चम्पा कली जुगनू जवाहिर जरे जगमगात,
काम कली खिली जात अँचरा उघारी है।
द्विज महेन्द्र ईश्वर बचावे अस नारी से,
संजन के गंजन हेत जग में अवतारी है।
</poem>