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इस्कबाजी में मेरी जान रहे या न रहे / महेन्द्र मिश्र
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02:28, 24 अक्टूबर 2013
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<poem> इस्कबाजी में मेरी जान रहे या न रहे।
यार से मिलता हूँ अब ईमान रहे या न रहे।
Mani Gupta
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