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07:42, 26 अक्टूबर 2013 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=हरकीरत हकीर
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<poem>नज़्म रात
इश्क़ के कलीरे बाँध
धीमें - धीमें
सीढ़ियाँ उतर
तारों के घर की ओर
चल पड़ी …
खौफज़दा रात
कोयलों पर पानी
डालती रही ….
</poem>
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