Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेश कुमार व्यास |संग्रह= }} {{KKCatRajastha...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=राजेश कुमार व्यास
|संग्रह=
}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
{{KKCatKavita‎}}
<poem>रेत नीं
अंवेर्यो हो
धोरां रो हेत।

धोबा भर-भर
भेळी करता बेकळू
भायलां सागै
रळ-मिळ’र
रोज बणावता
म्हैल-माळिया।

विगत मांय जावूं
सोधूं-
कीं लाधै कोनी
भींच्योड़ी होवतै थकै
छानै’क
मुट्ठी सूं
निसर जावै रेत।</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
5,484
edits