गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
सुलगती झीलें / गुलाब सिंह
1 byte added
,
11:26, 7 जनवरी 2014
<poem>
(संदर्भ : कश्मीर)
पेड़ों के हाथ में प्रतीक्षा
वॄन्तों
वृन्तों
के साथ में वसंत
जाग रहे जंगल की आँखों में
सपनों के कुछ नए दिगन्त।
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits