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01:23, 10 मई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=नंदकिशोर सोमानी ‘स्नेह’
|संग्रह=मंडाण / नीरज दइया
}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
{{KKCatKavita}}
<poem>जुध सूं पैली
सींव बंट्योड़ी होवै
दो देसां रै बिचाळै
अर जुध रै पछै
सीवां मिट जावै
दोनूं देसां रै बिचाळै!</poem>
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