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18:34, 21 मई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=राजेन्द्र जोशी
|संग्रह=मौन से बतकही / राजेन्द्र जोशी
}}
{{KKCatKavita}}<poem>हँसते हुए उसकी साँसें
उसी को लौटा देंगे
पर अपनी शर्तों पर
यह देह तो मेरी माँ की है
केवल साँस ही है
जो तेरी है
पहचान पिता की
चालाकियां दुनिया की
ईर्ष्या रिश्तों की
</poem>
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