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19:32, 30 जून 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>कमलक फूल सन हमर धीया छथि
यौ बच्चा के बाबू
जोहि लेला धीया के खबास
चलहु के बेर अहाँ घर के नहि देखलौं
धीया आगू दीया केर नहि काज
यौ बच्चा के बाबू
आनि दीअ जहर माहुर खाय मरब हम
हति लेब अपन प्राण यौ बच्चा के बाबू
</poem>
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