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भुखमरी का कोढ़ / महेश उपाध्याय
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07:48, 1 सितम्बर 2014
जून की रोटी हुई छोटी
काम आधे पेट से अब
हो नहीं पाते
दो खिलौने माँस के भी
नींद पूरी सो नहीं पाते
अनिल जनविजय
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