'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामदरश मिश्र |संग्रह=दिन एक नदी ब...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
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{{KKRachna
|रचनाकार=रामदरश मिश्र
|संग्रह=दिन एक नदी बन गया / रामदरश मिश्र
}}
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<poem>
हर चौराहे पर
दुर्घटनाग्रस्त होकर तड़प रहा है एक देश
और हम
डाक्टर के बदले
पुलिस का इन्तजार कर रहे हैं।