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इन्तजार / रामदरश मिश्र
Kavita Kosh से
हर चौराहे पर
दुर्घटनाग्रस्त होकर तड़प रहा है एक देश
और हम
डाक्टर के बदले
पुलिस का इन्तजार कर रहे हैं।
30-5-80