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18:55, 2 अक्टूबर 2015 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=निरंकार देव सेवक
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{{KKCatBaalKavita}}
<poem>मच्छर बोला-‘ब्याह करूँगा
मैं तो मक्खी रानी से’
मक्खी बोली-‘जा-जा पहले
मुँह तो धो आ पानी से!
ब्याह करूँगी मैं बेटे से
धूमामल हलवाई के,
जो दिन-रात मुझे खाने को
भर-भर थाल मिठाई दे।’
</poem>
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