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17:15, 5 अक्टूबर 2015 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=रमेश आज़ाद
|अनुवादक=
|संग्रह=
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<poem>चकई के चकदुम
चकदुम, चकदुम!
मकई के लावा
ले के आवा,
लावा फूटा
गोलू रूठा,
बाबा बोला
लुच्चा - झूठा!
भोलू बोला
बुम-बुम, बुम-बुम!
चकई के चकदुम
चकदुम, चकदुम!
लावा उड़ गया
खेत में,
लाला की पगड़ी
रेत में,
बढ़ गई दाढ़ी
जैसे झाड़ी!
बच्चे नाचें
घुम-घुम, घुम-घुम!
चकई के चकदुम
चकदुम, चकदुम!
</poem>