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{{KKRachna
|रचनाकार=रमेश कौशिक
|अनुवादक=
|संग्रह=प्रश्न हैं उत्तर नहीं / रमेश कौशिक
}}
<poem>
'''भगवान बुद्ध'''<br/>
राजकुमार सिद्धार्थ
तुमने दूर से ही देखा था
एक रोगी
एक वृद्ध
एक शव
और राजभवन छोड़कर
वन में चले गए
भगवान् बुद्ध बन गए |
मैं स्वयं एक रोगी हूँ
वृद्ध हूँ
शव हूँ
फिर भी कुछ नहीं
बन पा रहा हूँ
क्यों ?
</poem>