Changes

'''(यह गजल प्रेम साहिल के नाम)'''
हौलेहौले हौले-हौले ग़म की बदली दिल पे छाती जाए है।
देखना है नाउमीदी और क्या दिखलाए है॥
शोरो-शर से भर गए यारो ज़मीनो-आस्माँ
अब तो ये मंज़र भी आंखों आँखों से न देखा जाए है।
ऐसे वीराने में फिर एक बार आएगी बहार
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,606
edits