Changes

लिछमी / हरीश हैरी

595 bytes added, 16:55, 27 जून 2017
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरीश हैरी |अनुवादक= |संग्रह=थार-सप...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=हरीश हैरी
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-6 / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
नवी बीनणी
घर में आंवतै बगत
पगथळी में
धान सूं भरयोड़ै
कुल्हडिये रै
पग री ठोकर लगाई
खिंडेङै धान नै देख'र
लुगाईयां केवै ही
लिछमी आई है!
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits