550 bytes added,
17:08, 27 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=हनुमान प्रसाद बिरकाळी
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-6 / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
जिण बाखळ
होंवती हथाई
बठै भींत है
जिण रै
ऐकै पासै रोवो-कूको है
ऐकै पासै गीत है
कुण है कोई रो
अब बठै मीत।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader