Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’ |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’
|अनुवादक=
|संग्रह=भोत अंधारो है / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
जा रै डोफा बादळ
कदै ई इयां ई
बरस्या करै
बरसा-बरसा पाणीं
थूं तो ले लियो
मिनख रो पाणीं
फिरै बापड़ो
अब गाणीं माणीं!

टपकती-टपकती
छेकड़ टपक ई गई
भींता बिचाळै छात
भींता लुळी उठावण नै
पण पसरगी आंगणैं में
सूंएं बिचाळै छात!

ढब!
अब ढब बादळ
भींत चिणावां
उठावां छात
बणावां बात
थारै तांईं
आगै सारु!
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits