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10:56, 28 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’
|अनुवादक=
|संग्रह=भोत अंधारो है / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
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{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
आभो
घर बादळ रो
सासरो बिरखा रो
बिरखा बीनणीं
आवै कियां
साव परबारी
मुरधर पीवरियै
बिनां भेज्यां।
</poem>
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