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10:58, 28 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’
|अनुवादक=
|संग्रह=भोत अंधारो है / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
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<poem>
आभो खिंडावै
अखूट सुनियाड़
रमावै उण में
चांद-सूरज-तारा
मिल परा ऐ
अधावै मिनख नै
लगोलग सारा!
</poem>
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