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आभो : पांच / ओम पुरोहित ‘कागद’
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आभो खिंडावै
अखूट सुनियाड़
रमावै उण में
चांद-सूरज-तारा
मिल परा ऐ
अधावै मिनख नै
लगोलग सारा!