Changes

बसंत! / दीनदयाल शर्मा

759 bytes added, 02:56, 29 जून 2017
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीनदयाल शर्मा |अनुवादक= |संग्रह=र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दीनदयाल शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=रीत अर प्रीत / दीनदयाल शर्मा
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
खेतां मांय
ओढ्यां पीळौ पोमचौ
सरस्यूं
हरख मनावै

मोरिया नाचै
अर
कोयलड़्यां
गीत गावै

मधरी-मधरी चालै

पुरवाई पून

जद आवै
बसंत
म्हारै गांम

बसंत....
थूं बसज्या नीं

बसंत
थूं बसज्या
म्हारै गांम।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits