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03:05, 29 जून 2017 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=दीनदयाल शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=रीत अर प्रीत / दीनदयाल शर्मा
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<poem>
पैली
टैम पास करण सारू
लोग
गुरबत करता
आखी रात
हथायां करता
अबै
टैम रै
के आग लागी है
नां थानै टैम
नां म्हानै टैम।
</poem>
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