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टैम / दीनदयाल शर्मा
Kavita Kosh से
पैली
टैम पास करण सारू
लोग
गुरबत करता
आखी रात
हथायां करता
अबै
टैम रै
के आग लागी है
नां थानै टैम
नां म्हानै टैम।