Changes

भींत / दुष्यन्त जोशी

642 bytes added, 05:21, 29 जून 2017
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दुष्यन्त जोशी |अनुवादक= |संग्रह=अ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दुष्यन्त जोशी
|अनुवादक=
|संग्रह=अेकर आज्या रै चाँद / दुष्यन्त जोशी
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
आपां सगळा
'इगो' सारू लड़ां
अर अेक दूजै रै बिचाळै
खींचद्यां भींत

जकी
बधै रातोरात
मैं'गाई ज्यूं

पछै
भळै 'इगो' टकरावै
तद
भींत
कीं' और बध ज्यावै।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits