Changes

टाबर-५ / दुष्यन्त जोशी

1,082 bytes added, 05:44, 29 जून 2017
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दुष्यन्त जोशी |अनुवादक= |संग्रह=अ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दुष्यन्त जोशी
|अनुवादक=
|संग्रह=अेकर आज्या रै चाँद / दुष्यन्त जोशी
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
जद आवै
परदेस सूं
कोई लूंठो नेता
आपणै देस

तद
टाबर आवै सड़कां माथै
उणां रै सुवागत सारू
नान्है-नान्है हाथां माथां
फूलां रै गुलदस्तै
अर तिरंगै नै
संभाळता
खड़्या रै'वै
भूखा-तिसा

पाणी पिसाब सारू
तरसता टाबर
नीं जाणै कुण आसी

पण
वांरै
आय'र जायां पछै
मनावै हरख
अर लेवै लाम्बौ सांस

भळै आ ज्यै
खेलता-कूदता
आप-आपरै घरां।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits