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06:34, 29 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दुष्यन्त जोशी
|अनुवादक=
|संग्रह=अेकर आज्या रै चाँद / दुष्यन्त जोशी
}}
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<poem>
आखी जिनगी
पीसौ-पीसौ जोड़'र
पीसांवाळा कुहावणौ
अर जीणौ
कंगलै जियां
पीसां नै
रुखाळै
आखी जिंदगी
पीसां रौ
मालक बण'र
तो देख
सुखां री बिरखा
हुज्यासी सरू।
</poem>
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