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06:52, 29 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दुष्यन्त जोशी
|अनुवादक=
|संग्रह=अेकर आज्या रै चाँद / दुष्यन्त जोशी
}}
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<poem>
कंवळौ
फूल नीं है
भरोसौ
जिकौ
छोटै-मोटै
तूफान में
अळसा जावै
औ तो
अटल हुवै
हिमालै दांईं
जिण नै
बड्डै सूं बड्डौ
तूफान भी
नीं हला सकै।
</poem>
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