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रस्मे वफा के वास्ते हर सुख भुला दिया / डी. एम. मिश्र
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03:50, 23 अगस्त 2017
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<poem>
रस्मे
वफा़
वफ़ा
के वास्ते हर सुख भुला दिया।मैंने तो
अपना एक
जिंदगी का इक
-
एक
इक
पल लगा दिया।
इतनी भी इनायत तो मगर कम नहीं है दोस्त,
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