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रस्मे वफा के वास्ते हर सुख भुला दिया / डी. एम. मिश्र
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03:51, 23 अगस्त 2017
इतनी भी इनायत तो मगर कम नहीं है दोस्त,
गिन गिन के
मेरी
जो
हर
ख़ता
थी मुझे पहले
तूने
बता दिया।
फिर आखिरी समय पे क्या शिकवा गिला करें,
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