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अँधेरी खाइयों के बीच / कुँअर बेचैन
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09:04, 1 अक्टूबर 2008
अँधेरी खाइयों के बीच
अपनी ज़िंदगी ऐसी
कि ज्यों ख़त लापता हो।
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Dr.bhawna