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अलौकिक थी पहली छुअन / सुरेश चंद्रा
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07:29, 20 अक्टूबर 2017
पहली छुअन
निष्पाप, निश्छल
आद्र दृष्टि के साक्ष्य
मे
में
अंतिम चुंबन तक
एक अंतहीन असमंजस
अनंत आपाधापी लिये
हम दोनों प्रेम
मे
में
प्रेम के अपराधी हो चुके थे
!!
.
</poem>
Anupama Pathak
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