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09:15, 23 अक्टूबर 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सुरेश चंद्रा
|अनुवादक=
|संग्रह=
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<poem>
खट्टी सी
मीठी भी
तीता भी ज़रा
तुम में
ज़रा सी दुष्ट, मगर
ढेर सारा, प्यार भरा
तुम में
माथे पर खुशी की रोली
नेह-तागा, कलाई पर
हँसी रही तुम, होठों पर
आँख में अक्सर, भर आई पर
सुखी रहो, सदा-सदा
शुभ, मंगल, सर्वदा
</poem>