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05:56, 1 अप्रैल 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[दुष्यन्त जोशी]]
|अनुवादक=
|संग्रह=कठै गई बा'... / दुष्यन्त जोशी
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
रूंख
फळ देवै
छियां देवै
पौधा
फूल देवै
मै'क फैलावै
धरती
धान देवै
अर नद्यां
पाणी देवै
आपां
प्रकृति सूं सीखां
जीवां नै
मिनख ज्यूं दीखां।
</poem>
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