911 bytes added,
06:37, 1 अप्रैल 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[दुष्यन्त जोशी]]
|अनुवादक=
|संग्रह=कठै गई बा'... / दुष्यन्त जोशी
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
सुणै नीं
आभै में काईं तकावै
म्हारै कन्नै आ
अर म्हारी सुण
आपां प्रेम रो
नूंवौं इतिहास रचां
आपां हीर-रांझै
अर सोहणी - महिवाळ सूं
कीं अळगा दिखां
आपां आप आपरै
ब्याव पछै
आपरै जोड़ीदार रै
प्रेम में
इत्ता रमज्यावां
कै फेर आपां
अेक - दूजै नै
कदी नीं याद आवां।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader