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06:51, 1 अप्रैल 2018 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=[[दुष्यन्त जोशी]]
|अनुवादक=
|संग्रह=कठै गई बा'... / दुष्यन्त जोशी
}}
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<poem>
मुसाणां में
लकड़ी बेचणआळौ
दिनुगै-दिनुगै रोजिना
करै भगवान सूं पराथना
अर धूप-ध्यान
हे भगवान
थूं मन्नै
कदी नां रैह्वण देई
फक्कड़
अर
चटकै-चटकै बिका
अै लक्कड़।
</poem>
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