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पराथना / दुष्यन्त जोशी
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मुसाणां में
लकड़ी बेचणआळौ
दिनुगै-दिनुगै रोजिना
करै भगवान सूं पराथना
अर धूप-ध्यान
हे भगवान
थूं मन्नै
कदी नां रैह्वण देई
फक्कड़
अर
चटकै-चटकै बिका
अै लक्कड़।