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14:50, 3 अप्रैल 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[ॠतुप्रिया]]
|अनुवादक=
|संग्रह=ठा’ नीं कद हुज्यावै प्रेम / ॠतुप्रिया
}}
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<poem>
थूं
नान्ही सी चीड़ी
म्हारी लाडली
अे बया
थारौ आलणौ देख’र
थारी चतराई
अर मिणत नै
करूं नीवण
आँधी-मेह
तपती लू
अर ठरतै पाळै स्यूं
आपरै बचियां नै
बचावणआळौ इत्तौ फूटरौ
आलणौ बणाणौ
थूं कठै स्यूं सीख’र आई
अे बया
कदी टैम काड’र
म्हानै ई सिखा दे बाई।
</poem>
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