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बंदर ने यूँ धमकाया-‘ओ बेवकूफ बंदरियासूँड़ घूमाते, कान हिलाते, समझ रही तू खुद को हेमा मस्त झूमते हुए चलें। या डिम्पल कापड़िया?अब तक नखरे बहुत सहेपर अब मैं नहीं सहूँगाजहाँ दिखे गन्ना, तुझे छोड़, श्रीदेवी या जूही से ब्याह करूँगा’। कहा घुड़ककर बंदरिया नेलेने को-‘ओ हीरो के बाप!पहले अपनी शक्ल देख ले शीशे में चुपचाप’। हाथी दादा झट मचलें। [स्वतंत्र भारत (उपहार)हिंदुस्तान, 9 28 जुलाई 19921996]
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