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नाम देवदत निश्चर बुद्धि, मुर्ख-मूढ़ ग्वार तेरी / राजेराम भारद्वाज
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18:33, 24 मई 2018
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सांग /किस्सा – महात्मा बुद्ध
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(
अनुक्रमांक-15
)
जवाब – सिद्धार्थ का।
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नाम देवदत निश्चर बुद्धि, मुर्ख-मूढ़ ग्वार तेरी,
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बिना भजन माणस की जूनी, पशुआं तै बेकार तेरी ।। टेक ।।
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अपणी बड़ाई और की निंदा, भला किसे का चाह्या ना,
Sandeeap Sharma
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