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|रचनाकार= फ़दवा तूकान|अनुवादक=अनिल जनविजय|संग्रह=फ़िलीस्तीनी कविताएँ / फ़दवा तूकान
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महान
 
महान देश
 
चक्की का पाट घूम सकता है
 
बदल सकता है
 
संघर्ष की धुंधली रातों में
 
पर वे नहीं बदल सकते
 
बहुत कमज़ोर हैं वे
 
तुम्हारी रोशनी ख़त्म करने के लिए
 
तुम्हारी आशाओं में से
 फाँसी पर लटके विश्वास विकास में से 
चोरी गई शुभ्र मुस्कानों में से
 
खिलखिलाते हैं तुम्हारे बच्चे
 
तुम्हारी बर्बादी में से
 
घोर यंत्रणा में से
 
जीवन के स्पन्दन और मृत्यु के कम्पन में से
 
उदित होगा एक नया जीवन
 
 
ओ महान देश
ओ गम्भीर ज़ख़्म
ओ मेरे आत्मीय स्नेह
ओ गम्भीर जख़्म'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय''' ओ मेरे आत्मीय स्नेह</poem>
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