भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सदा रहे फ़िलिस्तीन / फ़दवा तूकान

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

महान
महान देश
चक्की का पाट घूम सकता है
बदल सकता है
संघर्ष की धुंधली रातों में
पर वे नहीं बदल सकते
बहुत कमज़ोर हैं वे
तुम्हारी रोशनी ख़त्म करने के लिए

तुम्हारी आशाओं में से
फाँसी पर लटके विकास में से
चोरी गई शुभ्र मुस्कानों में से
खिलखिलाते हैं तुम्हारे बच्चे

तुम्हारी बर्बादी में से
घोर यंत्रणा में से
जीवन के स्पन्दन और मृत्यु के कम्पन में से
उदित होगा एक नया जीवन
ओ महान देश
ओ गम्भीर ज़ख़्म
ओ मेरे आत्मीय स्नेह

अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय