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हाथ मै इकतारा लेरी, गल मै मोहनमाला / ललित कुमार
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19:06, 22 अगस्त 2018
<poem>
'''काफिया-''' बण बिन मोर, बम्बी बिन वासक, सुआ देखा डाल बिना,
सोना देख सुहागा देख्या, कोयल देखी बाग़ बिन्या,
चिता मृग शिकारी देख्या, ये नौउ देखे एक जगाह,
'''हाथ मै इकतारा लेरी, गल मै मोहनमाला,'''
Sandeeap Sharma
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